प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ऐप व पोर्टल लांच, खत्म होंगी किसानों की दिक्कतें
कृषि मंत्रालय ने फसल बीमा योजना को बनाया किसान हितैषी : तोमर
हमारे वैज्ञानिकों के अच्छे कार्यों की शत-प्रतिशत उपयोगिता हों : रिजिजू
केंद्र ने 8 राज्यों के 5.60 लाख किसानों को 258 करोड़ रुपये का जारी किया क्लेम
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को और अधिक सहूलियत देने के लिए पोर्टल और ऐप लांच किया। येस्टेक (प्रौद्योगिकी पर आधारित उपज अनुमान प्रणाली), विंड्स (मौसम सूचना डेटा सूचना प्रणाली) और एआईडीई (मध्यस्थ नामांकन के लिए ऐप) की मदद से किसानों को उपज अनुमान एवं पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में आसानी होगी। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू उपस्थित रहे। इस मौके पर केंद्र सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा व आंध्र प्रदेश के लगभग 5.60 लाख किसानों को अपने स्तर से 258 करोड़ रुपये बतौर क्लेम जारी किया।
अपनी प्रीमियम से ही किसानों को मुआवजा देगा केंद्र
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि कृषि का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि के समक्ष कितनी भी अनुकूलता हो, इसके बाद भी किसान को प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है और यदि प्रकृति नाराज हो जाएं तो किसान अपने श्रम से इसकी भरपाई नहीं कर पाता है, इसलिए यह जरूरी समझा गया कि प्राकृतिक प्रकोप से होने वाले नुकसान की भरपाई की व्यवस्था होनी चाहिए, इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू कर किसानों के नुकसान की भरपाई की जा रही है। केंद्र की तरफ से बजट में कमी नहीं आती है, लेकिन कभी कभी राज्य सरकारों के हिस्से का प्रीमियम जमा नहीं होता है, ऐसे में किसानों को दिक्कत होती है। इससे बचाने के लिए केंद्र द्वारा अपनी प्रीमियम से ही किसानों को मुआवजा देने का फैसला लिया है, फिर भले ही तब तक राज्य सरकार ने अपना प्रीमियम जमा किया हो या नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गांव-गरीब-किसान तीनों पर फोकस किया और कई योजनाओं के माध्यम से प्रयत्न किया है कि गांवों के जीवन में बदलाव आएं, गरीबों का जीवन बदलें और किसान समृद्ध हों। इस दिशा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी अनेक योजनाओं का सृजन किया गया। कृषि क्षेत्र में तकनीक के प्रयोग पर बल दिया गया। अच्छे खाद-बीज की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की गई। कृषि के बजट को देखें तो 2013 की तुलना में लगभग पांच गुना की वृद्धि की गई। इनका परिणाम भी दिख रहा है। हम खाद्यान्न, बागवानी, दुग्ध उत्पादन में दुनिया में अच्छी अवस्था में हैं। इसमें तकनीक एवं कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधान का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
नवाचार से कृषि क्षेत्र में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
कृषि मंत्री ने कहा कि आज तकनीक का उपयोग करके हर किसान तक हर योजना की पहुंच हो सकती है। आम किसान इसका लाभ ले सकते है, इसलिए कृषि मंत्रालय ने इंश्योरेंस मॉड्यूल भी बनाएं, राज्य सरकारों को जोड़ा गया व फसल बीमा योजना को और कारगर बनाने की दृष्टि से मैनुअल, पोर्टल व ऐप आज लांच किया गया है। अगर मौसम की सही सूचना मिल जाएं तो नीचे तक पहुंचाने का साधन नहीं होता था, इसलिए कोशिश की गई कि तकनीक का प्रयोग कर इसकी पहुंच गांव-गांव तक बनाई जाएं. हर गांव में रेन वॉच टॉवर हो, विकासखंड स्तर पर वेदर स्टेशन आ सकें, ताकि मौसम की जानकारी मिल सकें। जलवायु परिवर्तन के दौर में जरूरी है. इसी तरह यह भी सुनिश्चित हुआ है कि एक व्यक्ति इंश्योरेंस के लिए मोबाइल के माध्यम से गांव-गांव व घर-घर जा सकता है। आज शुरू की गई ये सुविधाएं सिर्फ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ही नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं। आने वाले समय में भी ऐसे ही नवाचार होते रहें, नई पीढ़ी कृषि क्षेत्र की तरफ आकर्षित हो, कृषि का क्षेत्र रोजगार के अवसरों का बड़ा स्रोत बनें, इस दिशा में और नवाचार करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हर क्षेत्र में हुआ अद्भुत काम : किरेन रिजजू
पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि किसानों के जीवन में बीमा योजना की इन सुविधाओं से बहुत बड़ा बदलाव आएगा। हरित क्रांति के बाद, पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हर क्षेत्र में अद्भुत काम हुआ है और हम एक लीडिंग नेशन के रूप में उभरे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में किए जा रहे परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन के दौर में इन सबकी महत्ता और भी ज्यादा है। भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर हमें साइंटिफिक मैकेनिज्म तैयार करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर उनका मंत्रालय जलवायु परिवर्तन से उपजने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए बेहतर कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, देश में सभी क्षेत्रों में उनके अनुसंधान की शत-प्रतिशत उपयोगिता कैसे हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा, मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र व पीएमएफबीवाई के सीईओ तथा कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव रितेश चौहान ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र के निदेशक डॉ. सीएस मूर्ति तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय एवं बीमा कंपनियों के अधिकारी और अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
इस तरह ऐप से मिलेगी सटीक जानकारी
नवाचारों से लाभ- येस्टेक, उन्नत तकनीकी प्रणाली है, जो सटीक उपज गणना में राज्यों की मदद करेगी। राज्यों में फसल उपज विवादों व उसके बाद पात्र किसानों को मुआवजा देने में होने वाली देरी से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए केंद्र ने इस प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है। येस्टेक प्रणाली के अंतर्गत रिमोट सेंसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों के जरिये सटीक फसल अनुमान लगाने, पारदर्शी-सटीक उपज आकलन सुनिश्चित करने पर काम किया जाना है। यह प्रणाली उपज संबंधी विवाद प्रभावी रूप से हल करने व त्वरित दावा भुगतान सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगी। विंड्स के माध्यम से किसानों के लिए मौसम संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी व आंकड़े उपलब्ध हो पाएंगे। इससे योजना के सभी हितधारकों को लाभ होगा। अपर्याप्त बुनियादी ढांचे से सटीक मौसम संबंधी डाटा प्राप्त करने संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विंड्स मौसम केंद्रों के सशक्त नेटवर्क की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। इससे लक्ष्य ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम केंद्रों का व्यापक नेटवर्क स्थापित करना है। यह रणनीतिक दृष्टिकोण सटीक व समय पर मौसम डेटा तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करेगा। लक्ष्य, मौसम की जानकारी की उपलब्धता में अंतर कम करना व जमीनी स्तर पर निर्णयकर्ताओं, किसानों व हितधारकों को सशक्त बनाना है।